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Essay on my life goal | मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध

Essay on my life goal

Essay on my life goal: इस दुनियाँ में जो भी जन्म लेता है उसे कुछ न कुछ कर्म करना ही होता है। कर्मविहीन जीवन का मतलब है हमारे जीवन की कोई दिशा नही है।

लेकिन कर्म का संबंध भी हमारी सोच और सपनों से है। इसलिए हर किसी को अपने जीवन मे अच्छे सपने देखने चाहिए तभी तो वह उन्हें हासिल करने के लिए प्रयास कर सकता है।

कई विद्यार्थी मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध की खोज करते हैं ताकि परीक्षाओं में उसे लिख सकें। आज हम आपको मेरे जीवन का लक्ष्य के ऊपर निबंध दे रहे हैं।

इस निबंध को बहुत ही आसान शब्दों में लिखा गया है ताकि आप इसे समझ सकें और याद कर सकें।

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध (Essay on my life goal) – 200 शब्द (Words)

प्रस्तावना.

हर कोई अपने जीवन मे कोई न कोई लक्ष्य निर्धारित करके रखता है। ठीक इसी तरह मैंने भी अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित कर लिया है।

मुझे बचपन से बड़ों के द्वारा यह सिखाया गया है कि जीवन का कोई एक लक्ष्य होना चाहिए, ताकि आप उसके लिए मेहनत कर सकें और अपनी जिंदगी सुधार सकें।

मेरे जीवन का लक्ष्य क्या है?

मेरे जीवन का लक्ष्य डॉक्टर बनना है। मैंने बचपन में ही यह सोच लिया था कि मुझे बड़ा होकर डॉक्टर बनना है। डॉक्टर बनने की प्रेरणा मुझे मेरे पापा से मिली है।

वो हमेशा ही कहते हैं कि सबसे बड़ा काम लोगो की सेवा करना है, क्योंकि मरीजों की सेवा करना, भगवान की सेवा करने के समान है। इसलिए हमेशा दीन दुखियों की सेवा करना चाहिए।

अपना लक्ष्य प्राप्ति करने का तरीका.

मुझे पता है कि मेरा लक्ष्य बहुत बढ़ा है और इसे पाना कठिन भी है लेकिन मैं अपने लक्ष्य को पाने के लिए पूरी कोशिश करूँगा।

मैं खूब मेहनत से पढ़ाई करूँगा, अच्छे नंबर लाऊंगा ताकि किसी अच्छी मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिल सके।

इसके बाद 5 वर्ष का कोर्स करूँगा जिसमें मैं मेडिकल से सम्बंधित सभी विषयों की जानकारी हासिल करूँगा और बाद में एक खुद की क्लीनिक खोलूंगा, जहाँ मैं हर रविवार को सभी गरीब लोगों का मुफ्त इलाज करूँगा।

उपसंहार

मेरे जीवन का यही लक्ष्य है कि ज्यादा से ज्यादा लोगो को स्वस्थ कर सकूं। इस लक्ष्य की प्राप्ति तक मैं अथक परिश्रम करूँगा और अपने लक्ष्य को हासिल करके रहूँगा।

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध (Essay on my life goal) – 400 शब्द (Words)

प्रस्तावना.

इस दुनियाँ में कोई ऐसा व्यक्ति जिसके जीवन का कोई लक्ष्य नही है वह ठीक उसी प्रकार है, जैसे ऑक्सीजन के बिना जीवन है। दुनियाँ के हर एक व्यक्ति का कोई न कोई लक्ष्य जरूर होता है।

कुछ लक्ष्य छोटे होते हैं, कुछ लक्ष्य बड़े होते हैं, लेकिन सभी लक्ष्य जीवन मे महत्वपूर्ण होते हैं। हर किसी का सपना होता है। कोई डॉक्टर बनना चाहता है, कोई इंजीनियर या कोई एक्टर या लेखक।

हर कोई अपने सपने को पूरा करने के लिए खूब मेहनत भी करता है। मेरे भी जीवन का एक लक्ष्य है। मैं बढ़ा होकर शिक्षक बनना चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि देश की भावी पीढ़ी को शिक्षित करूँ।

मेरे जीवन का लक्ष्य

जब मैं 10 वर्ष का था तभी से मुझे शिक्षक बनने का शौक था। मुझे शिक्षा और शिक्षण का काम बहुत अच्छा लगता है। आज भी मैं अपने छोटे भाई बहनों को पढ़ाता हूँ और उन्हें हर विषय अच्छे से समझा पाता हूँ.

शिक्षण से मेरा गहरा लगाव हैं। एक बार कक्षा में हिंदी के शिक्षक ने हम सबको एक कबीरदास जी का लिखा एक दोहा सुनाया था.

गुरु गोबिन्द दोनों खड़े, काके लागू पाय बलिहारी,
गुरु आपने, जिन गोबिन्द दियो बताय॥

इसमे उन्होंने बताया कि खुद भगवान भी कहते हैं कि गुरु का दर्जा मुझसे बड़ा है, क्योंकि गुरु ही वह इंसान है जो हमें ज्ञान देते हैं।

गुरु की महिमा कई अन्य कवियों के द्वारा भी की गई है। सभी ने एक स्वर में गुरु को जीवन में सबसे महत्वपूर्ण बताया है।

मैं शिक्षक क्यों बनना चाहता हूं?

शिक्षक बनने के पीछे मेरा एक उद्देश्य है। मैं चाहता हूं कि भावी समाज के निर्माण में अपना योगदान दे सकू और शिक्षक वह पहली सीढ़ी है, जिसके कंधे पर देश का भविष्य सबसे पहले पैर रखता है।

यदि शिक्षक कमजोर होगा तो वह उनका बोझ नही सह पाएगा। इसलिए आज देश और समाज को योग्य शिक्षकों की बहुत ज्यादा जरूरत है,और यदि मैं इसमे कुछ योगदान कर पाया तो खुद को बहुत सौभाग्यशाली समझूंगा।

आज अधिकतर लोगों की यह मानसिकता है कि शिक्षक के पेशा वो ज्यादा पसंद महत्व नही देते, क्योंकि इसमें जिम्मेदारी अधिक और पैसा कम होता है।

लेकिन इन सब बातों को जानने के बावजूद भी मैं अपना निर्णय नही बदलूंगा और बाकी लोगो के लिए एक मिसाल बनूंगा, ताकि मेरे काम से प्रेरित होकर और भी लोग शिक्षक बनने का सपना देखें।

उपसंहार.

शिक्षक वह इंसान है जो किसी बच्चे को गढ़ता है और सभ्य व्यक्ति बनाता है। इसीलिए शिक्षक का स्थान समाज मे सबसे ऊंचा है। शिक्षक की इज्जत सभी कोई करते हैं। इन्ही सब बातों को ध्यान में रखकर मैंने शिक्षक बनने का फैसला किया है।

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध (Essay on my life goal) – 500 शब्द (Words)

प्रस्तावना.

यदि किसी व्यक्ति को यह पता ही न हो वह कहा जाना चाहता है तो कभी वह सही बस में नहीं बैठ पाएगा। पहले यह निर्धारित करना होता है कि हमें जाना कहाँ है, फिर प्रश्न उठता है कि उधर तक जाना कैसे है।

यात्रा के इस नियम से जीवन का गहरा नाता है, क्योंकि देखा जाए तो जीवन भी रख यात्रा है। यदि हम अपने जीवन की दिशा नही निर्धारित करेंगे तो यह दिशाहीन हो जाएगा और हम कही भी नही पहुँच पाएंगे।

इसलिए जीवन मे किसी लक्ष्य का होना बहुत जरूरी है। लक्ष्य के बिना जीवन उसी तरह है जैसे नदी में फसी एक नाव जिसको दिशा देने वाला कोई भी नही है।

जिस व्यक्ति को यह पता होता है कि उसे जीवन मे क्या करना है, तो उसकी हर कोशिश भी उसी दिशा में जाने की होती है। उस व्यक्ति का जीवन और वक़्त भटकाव के भवर में नही गुजरता है। ऐसे में जीवन का कोई एक लक्ष्य होना बहुत जरूरी है

बचपन की समस्या.

हमारी सबसे बड़ी समस्या होती है कि बचपन से हमें लक्ष्य के बारे में पता नही होता। हम कई लोगो को देखते हैं और उनके जीवन को देखकर अपने लक्ष्य निर्धारित करते हैं।

लेकिन जब तक एक सटीक लक्ष्य नही मिल जाता, जब तक बाल मन मे कई लक्ष्य पलते रहते हैं। कोई डॉक्टर बनना चाहता है तो इंजीनियर बनना चाहता है।

किसी के मन मे पायलेट बनने का ख्वाब है तो कोई वैज्ञानिक बनना चाहता है। सपनो की कोई सीमा नही है। हर एक सपना पूरा हो सकता है, बस अपने सपने पर यकीन होना चाहिए और जी तोड़ मेहनत करने के लिए तैयार रहना चाहिए।

मेरे जीवन का लक्ष्य.

मैं बड़ा होकर एक डॉक्टर बनना चाहता हूं। मेरे मन मे ये सपना बहुत वक़्त से पल रहा है। मैंने खुद को कई अलग अलग पेशों से जब जोड़कर देखा तो समझ आया कि मुझे सबसे ज्यादा खुशी डॉक्टर बनने में मिलेगी।

आजकल लोग डॉक्टर का पेशा इस वजह इस वजह से चुनते है कि इसमें पैसा बहुत ज्यादा है। लेकिन मेरा असली मकसद पैसा कमाना नही बल्कि लोगो की सेवा करना है।

डॉक्टर एक ऐसा पेशा है जिसमें सेवाभाव सबसे ज्यादा जरूरी है। मैं लोगो की पूरे दिल से सेवा करना चाहता हूं। एक अच्छा डॉक्टर बनना चाहता हूं और गरीब लोगों को बेहतर सेहत देना चाहता हूं।

आज हमारे देश अच्छे डॉक्टर की बहुत जरूरत है। खासकर गरीब लोगों के लिए अच्छे डॉक्टर से इलाज कराना बहुत मुश्किल है, क्योंकि इलाज का खर्च बहुत ज्यादा पड़ जाता है।

लेकिन मैं एक ऐसा क्लीनिक खोलना चाहता हूं, जहाँ गरीब लोगों का इलाज हफ्ते में 2 दिन मुफ्त में कर सकूं।

समाज मे डॉक्टर का महत्व.

डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया जाता है। लेकिन कई डॉक्टर इसी भावना का फायदा भी उठाते हैं। अधिकतर डॉक्टर्स शहरों में ही काम करना चाहते हैं क्योंकि सुविधाएं ज्यादा रहती है।

लेकिन एक अच्छा डॉक्टर गाँव मे भी बहुत जरूरी है। क्योंकि असली भारत तो गाँव मे बसता है।

उपसंहार.

देश मे अच्छे डॉक्टर्स की भारी कमी है, इसी के चलते कई बार इलाज के आभाव में मरीज दम तोड़ हैं। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि एक डॉक्टर के अंदर सेवा भाव हो ताकि भगवान के दर्जे के साथ वह न्याय कर सके।

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध (Essay on my life goal) – 600 शब्द (Words)

हम सबने अपने दादा परदादा की जुबानी सुनी है कि इंसानी तन बड़ी तपस्या से मिलता है। लाखों सालों के इंतजार के बाद कुछ सालों की यह जिंदगानी मिलती है।

लेकिन फिर भी हम इस जिंदगी के अनमोल वक़्त को इस तरह बर्बाद कर देते हैं जैसे इसका कोई मोल ही न हो। हमारे जीवन सफल हो सके इसके लिए जरूरी है कि जीवन का लक्ष्य हो।

लक्ष्य के बिना जीवन ठीक उसी तरह हो जाता है जैसे बिन पतवार के नौका। जीवन मे के लक्ष्य होने से यह तो सुनिश्चित हो जाता है कि भले ही हम ठीक उस मंजिल तक न पहुचे जो हमने निर्धारित किया है, लेकिन उसके आसपास तक तो पहुँच ही सकते हैं।

इसलिए बड़े हमेशा यह सलाह देते हैं कि कुछ काम करने से पहले एक लक्ष्य बना लो, ताकि काम करने कज प्रेरणा मिलती रहे।

लक्ष्य का महत्व.

जीवन मे लक्ष्य का बहुत महत्व होता है। यदि हमारे जीवन का कुछ लक्ष्य है तो हम अपनी सारी ऊर्जा उस लक्ष्य के लिए लगाएंगे। पर लक्ष्य के अभाव में यह ऊर्जा व्यर्थ के कामों में बर्बाद होती है।

लक्ष्य का अभाव ही युवाओं के आपराधिक प्रवृत्ति का कारण बनता है। स्वामी विवेकानंद का लक्ष्य था अपने गुरु के ज्ञान का पूरे विश्व में प्रचार-प्रसार करना, सुभाष चंद्र बोस के लक्ष्य था एक ऐसी सेना तैयार करना जो अंग्रेजों से मुकाबला कर सकें।

भले ही इन दोनों महान व्यक्तित्व का लक्ष्य अधूरा रहा हो लेकिन इनके प्रयास की झलक पूरे विश्व को दिखी।
यदि सुभाषचंद्र बोस ऐसा लक्ष्य नही सोचते तो वो कभी भी विदेशी धरती पर जाकर लोगो को जोड़ने का साहस नही जुटा पाते। लेकिन उनको यह करने की प्रेरणा अपने लक्ष्य से मिली।

लक्ष्य कैसे बनाएं?

हम में से कई लोग यह सोचते हैं कि आखिर कोई कैसे तय करे कि उसके जीवन का लक्ष्य क्या है। कुछ लोग सौभाग्यशाली होते हैं जो उनके अंदर बचपन से ही हुनर दिखने लगता है और लक्ष्य भी निर्धारित हो जाता है।

लेकिन अधिकतर लोगों के साथ ऐसा नही होता। सबसे पहले हमको यह पता करना चाहिए कि आखिर हमारे जीवन का उद्देश्य क्या है।

जब हमें अपने जीवन के उद्देश्य का ज्ञान हो जाएगा तब दूसरा प्रश्न यह करना है कि आखिर यह उद्देश्य पूरा कैसे होगा।

यह प्रश्न करने से आपको अपने जीवन का लक्ष्य भी पता चल जाएगा। फिर बस आपको वह लक्ष्य पाने के लिए जरूरी चीज़े करनी है।

मेरे जीवन का लक्ष्य (essay on my life goal)

मैं वैज्ञानिक बनना चाहता हूँ। बचपन मे जब मैं रात के वक़्त साफ आकाश में देखता था तो सोचता था कि यह कितना बड़ा होगा, इसका कही तो अंत होगा। लेकिन अब पता चल रहा है कि यह तो अंतहीन है। साथ ही हमारी पृथ्वी भी ठीक उसी तरह है जैसे बाकी तारे।

लेकिन ये सब पता चलते ही उत्सुकता इस बात में बढ़ गई कि और कही भी हमारे जैसे इंसान हैं। मुझे इन सब विषयों में बहुत रुचि है।

मैं अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी कई बार पढ़ चुका हूं। मेरे लिए उनसे बड़ा कोई प्रेरणाश्रोत नही है। उन्होंने जिस तरह से मुश्किल माहौल में इतनी बड़ी बड़ी खोजें की है, वह करना बहुत मुश्किल है।

मेरे लक्ष्य की चुनौतियां.

मेरे और लक्ष्य के बीच चुनौतियों का अंबार लगा है लेकिन मैं यह मानता हूं कि मेहनत करने से सब कुछ हासिल किया जा सकता है, बस मेहनत सही दिशा में होना जरूरी है।

मैं आगे चलकर फिजिक्स विषय मे पीएचडी करूँगा, और कोशिश करूंगा कि किसी किसी अच्छे रिसर्च इंस्टीट्यूट में मेरा सिलेक्शन हो सके ताकि मैं अपना काम आगे कर सकूं।

उपसंहार.

समाज को आगे बढ़ाने में वैज्ञानिकों का भी बहुत अहम योगदान है। एक अच्छा वैज्ञानिक अपने शोधकार्य से देश का नाम रोशन करता है। मैं भी कुछ ऐसा करना चाहता हूं जिससे देश का नाम विश्वपटल पर ऊँचा हो और शोध के क्षेत्र में भारत का भी योगदान रहे।