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Essay on discipline | Importance of discipline in student life Essay in Hindi | अनुशासन पर निबंध

Essay on discipline: जीवन मे खुशहाली लाने के लिए और अपने बनाए गए लक्ष्य को हासिल करने की यदि कोई एक आचरण सबसे ज्यादा जरूरी है तो वह अनुशासन है। अनुशासन के बिना व्यक्ति का जीवन एक बेलगाम घोड़े की तरह है जो किसी भी दिशा में जा सकता है।

लेकिन अनुशासन जीवन को एक दिशा में आगे बढ़ाने में मदद करता है। इसलिए महापुरुष यह कहते हैं कि जीवन में सफलता पाने के लिए प्रतिभाशाली होना उतना जरूरी नही है, जितना कि अनुशासित होना।

अनुशासन के बिना एक अच्छा और प्रतिभाशाली व्यक्ति भी सफल नही हो पायेगा, जबकि अनुशासित व्यक्ति कम क्षमताओं के बाद भी सफलता हासिल कर लेगा।

यह अनुशासन की शक्ति है। अनुशासित जीवन जीने से व्यक्ति की ऊर्जा सकारात्मक कामों में लगती है और नकारात्मकता आने के बाद भी व्यक्ति इससे खुद को बचा पाता है।

अनुशासन क्या है (What is Discipline on essay in hindi)?

अनुशासन का जब संधि विच्छेद करते हैं तो दो शब्द मिलते हैं, जो अनु और शासन है। जिसका सीधा सा अर्थ है खुद के ऊपर शासन करना।

अनुशासन वह प्रक्रिया है, जो हमें खुद के ऊपर शासन करना सिखाती है। जब हम अपनी मन की इच्छाओं के विपरीत जाकर सही और गलत के आधार पर हमेशा फैसला लेते है और फिर उसका हमेशा पालन करते है।

यही चीज़ अनुशासन कहलाती है। जब हैं कोई लक्ष्य निर्धारित कर लेते हैं तो उसके बाद उस लक्ष्य को हासिल करने का रूप रेखा तैयार करते हैं।

एक बार वह रूपरेखा तैयार हो जाए उसके बाद बारी आती है उस रूपरेखा के अनुसार एक लंबे वक्त तक चलना। लेकिन यह तब तक नही हो पाएगा, जब तक आप अपने मन के अधीन रहेंगे।

क्योंकि मन स्थिर नही रहता। उस वक़्त काम आता है अनुशासन। यदि आप अनुशाषित है तो आपका मन कम शोर करेगा जिससे कि आप अपना ध्यान केंद्रित कर पायेंगे।

अनुशासन क्यों जरूरी है (Importance Of Discipline)?

यदि आप अनुशाषित नही है तो शायद आप बहुत कुछ नही हासिल कर पायेंगे क्योंकि अनुशासन की वह कुंजी है, जिससे हर सफलता का ताला खुलता है।

किसी भी लक्ष्य को हम तब तक हासिल नही कर सकते जब तक कि निरंतर उसे पाने की कोशिश न कि गई हो।
लेकिन यह कोशिश कोई तभी कर सकता है जब उसके जीवन मे अनुशासन नही है।

अनुशासन के अभाव में कोई भी कुछ दिन तो मेहनत कर पायेगा लेकिन जैसे ही लक्ष्य पाने की प्रेरणा कुछ कम होगी तो कोशिश में भी कमी आ जायेगी और फिर लक्ष्य पास आने के जगह दूर चला जाएगा।

विद्यार्थी के जीवन मे अनुशासन का महत्व (Importance of discipline in student life)

एक विद्यार्थी के जीवन मे अनुशासन होना सबसे ज्यादा जरूरी है, क्योंकि यदि कोई बाल अवस्था मे अपना समय पढ़ाई आदि की जगह फिजूल के कामों में बर्बाद करता है तो आगे का जीवन काफी मुश्किल भरा हो सकता है।

एक विद्यार्थी को अपनी पढ़ाई नियमित रूप से करना चाहिए। मन हो या नही हो, एक निश्चित वक़्त के लिए रोज पढ़ाई करना चाहिए।

यदि हम मन की सुनेंगे तो कभी सफल नही हो पाएंगे क्योंकि मन चंचल है और इसे स्थिर होना पसंद नही है। इसलिए अनुशासन की डोरी से मन को बांधना पड़ता है।

यदि आप अपने जीवन मे अनुशासन ले आते हैं, और मन हो या न हो अपनी पढ़ाई रोज करते हैं, अपने सभी कामों को वक़्त पर पूरा करते हैं तो मैं यकीन के साथ कह सकता हूँ आप किसी भी क्षेत्र में हों, सफल जरूर होंगे, क्योंकि अनुशासन है तो सफलता है।

अनुशासनहीनता के नुकसान (Disadvantages of Indiscipline among stundents)

जीवन मे तरक्की करने के लिए और कुछ हासिल करने के लिए यह बहुत जरूरी है कि आप कोई कार्य अनुशासित ढंग से करें। लेकिन आपके जीवन मे अनुशासन नही है तो उसकी भी काफी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

अनुशासन की कमी का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि आपका वक़्त बहुत अधिक बर्बाद होता है। जैसे कोई मन के मुताबिक काम करने की सोचे तो किसी दिन मन पड़ेगा तो काम करेगा और जिस दिन मन नही हुआ तो काम नही करेगा।

पर एक अनुशासित व्यक्ति मन न होने की स्थिति में भी काम करेगा क्योंकि वह जानता है कि यह काम जरूरी है।

अनुशासनहीनता से व्यक्ति के अंदर कामचोरी भी आती है। उसके काम करने का कोई एक खास तरीका नही होता है। अनुशासन की कमी के कारण कोई भी काम वक़्त रहते पूरा नही हो सकता है।

अनुशासन कैसे लाए?

यदि सफलता हासिल करनी है और किसी लक्ष्य को पाना है तो अनुशासित जीवन जीना बहुत जरूरी है।
जीवन मे अनुशासन लाने के कुछ तरीके निम्नलिखित है:-

  • अपना काम समय पर करें.

यदि आपको कुछ काम मिलता है तो हमेशा उसे तय वक़्त के अंदर करने की आदत डालें। किसी काम को करने में देरी करने की आदत को छोड़ना बहुत जरूरी है.

  • आलास को त्यागे.

आलसी स्वभाव अनुशासित जीवन के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा है। इसलिए अपने शरीर और मन के आलस को जितना जल्दी हो सकें तो दूर करें। आलस दूर करने के लिये प्राणायाम, व्यायाम कर सकते हैं।

  • मन तो स्थिर रखें.

अनुशासन का संबंध मन से है। यह जितना शांत और स्थिर रहेगा, हमारे जीवन में अनुशासन उतने ही ज्यादा वक्त के लिए रहेगा। इसलिए जरूरी है कि मन को अपने बस में रखें। ज्यादा विचलित होने पर उसे काबू करने की कोशिश करें, नही तो यह आपको अपने साथ बहा ले जाएगा।

  • एक दिन का अवकाश.

आप लगातार खुद को बांध करके भी न रखिए। सप्ताह में कोई एक दिन चुनना चाहिये, और उस दिन अनुशाषित जीवन न जीकर बल्कि मन के हिसाब से काम करें। इससे मन मे पैदा हो रहा तनाव भी कम होगा और फिर अगले दिन से दोबारा वही अनुशाषित जीवन जीना शुरू कर दें।

  • खुद का मूल्यांकन करें.

किसी भी नियम का पालन हम तभी कर सकते हैं, जब उसका फायदा मिलता दिख रहा हो। यह जानने के लिए की कोई नियम हमें फायदा पहुंचा रहा है या नही, खुद का मूल्यांकन करना चाहिए।

इसके लिए आप एक कागज में वो सभी नियम लिख लीजिए जिनका पालन करना है। इसके बाद 1 सप्ताह के लिये एक शीट बना लें जिसमे हर दिन के लिए एक अलग बॉक्स हो।

पहले दिन आपने जिन नियमों का पालन किया उसको सही का निशान लगा दें और जिन नियमों का पालन नही किया उन पर गलत का निशान लगा दें।

ठीक ऐसा ही दूसरे, तीसरे और बाकी के दिनों में भी करें। 7 दिन बाद जब आप उस शीट को देखेंगे तो पता चलेगा कि आपने किन किन नियमो का पालन किया है।

इससे मनोबल बढेगा और अनुशासन में रहने की प्रेरणा मिलेगी।

उपसहार.

जीवन का असली आनंद उठाना है तो अनुशासन का पाठ सबको जरूर पढ़ना चाहिए। इसके बिना जीवन वैसा ही हो जाता है जैसे नमक के बिना भोजन. एक अनुशासित व्यक्ति न सिर्फ अपना भला करता है बल्कि समाज मे भी ऐसे व्यक्तियों का काफी योगदान रहता है।

कई लोग आपके काम को देखकर प्रेरित हो सकते हैं और अपने जीवन मे भी अनुशासन लाने की कोशिश कर सकते हैं। इसलिए खुद के लिए, एक बेहतर समाज के निर्माण के जीवन के हर पहलू में अनुशासन होना बहुत आवश्यक है।

अनुशासन का महत्व पर निबंध (Essay on Discipline) – 300 शब्द (Words)

प्रस्तावना.

यदि आप अपने जीवन कर भाग्य विधाता बनना चाहते हैं और अपने जीवन को अपने अनुसार गढ़ना चाहते हैं तो इसका मात्र एक ही जरिया है, अनुशासन.

जिस व्यक्ति के जीवन में अनुशासन है वह कुछ भी हासिल कर सकता है, जबकि बिना अनुशासन के किसी का जीवन कही नही ठहरता है।

जीवन की दिशा और दशा तय करने में अनुशासन का सबसे अहम योगदान होता है। इसलिए जीवन मे अनुशासन को उतारने की कोशिश जरूर करना चाहिए।

अनुशासन क्या है?

जब हम खुद के लिए कुछ नियम बनाते हैं और उन नियमों का पालन करते हैं फिर चाहे आपकी इच्छा हो या नही, यही अनुशासन कहलाता है।

जीवन में अनुशासन को शामिल करने के मन का महत्व कम हो जाता है। जैसे कि अनुशासन न होने पर हम कोई काम करेंगे या नही, यह मन पर ज्यादा निर्भर करता है।

जबकि एक बार हमने यदि नियम बना लिया और अनुशासन से उनका पालन करते हैं तो फिर किसी दिन वह काम करने का मन न भी रहे तो भी वह काम हम कर लेते हैं, क्योंकि हमने खुद को इस तरह तैयार कर लिया है।

अनुशासन का महत्व.

अनुशासन के बिना कोई विद्यार्थी पढ़ाई में अच्छा नही कर सकता है। कोई खिलाड़ी कभी भी बड़ा खिलाड़ी नही बन सकता यदि अभ्यास में अनुशासन नही है।

ऐसे ही एक संगीतकार के जीवन में अनुशासन नही है, और वह रोज रियाज नही करता तो उसकी आवाज अच्छी नही रहेगी।

एक फौजी अपनी ड्यूटी के वक़्त अनुशासित नही रहता और प्रतिदिन के नियम का पालन नही करता तो उसका शरीर फिट नही रहेगा।

इस तरह हर किसी के लिए अनुशासन जरूरी है। इसलिये यदि जीवन मे अनुशासन लाने का अभ्यास हम शुरू से ही करने लगे तो एक दिन यह हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन जाएगा।

उपसंहार.

किसी भी इंसान को सफल बनाने में प्रतिभा का सिर्फ 1%योगदान होता है, बाकी 99% इस बात पर निर्भर करता है कि आप मे कितना अनुशासन है। इसलिए अपने जीवन का मधुर संगीत सुनना चाहते हैं तो खुद को अनुशासन के सांचे में ढालिये.