Home निबंध 26 january essay in hindi | Essay On Republic Day In Hindi...

26 january essay in hindi | Essay On Republic Day In Hindi | गणतंत्र दिवस पर निबंध

Essay On Republic Day In Hindi

26 january essay in hindi: गणतंत्र दिवस एक राष्ट्रीय पर्व है, जिसे 26 जनवरी के दिन पूरे देश मे उत्साह के साथ मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस मनाने की शुरुआत 26 जनवरी 1950 से हुई थी, जब देश मे संविधान लागू हुआ था।

Eassy On Republic day के इस आर्टिकल में हम जानेंगे गणतंत्र दिवस पर निबंध जो कि अलग अलग शब्द सीमाओं के अंदर रहेंगे।

कई Students निबंध की तलाश करते हैं, इसलिए हमने पूरी कोशिश की है कि इस निबंध को बहुत ही आसान शब्दों में लिखा जाए, ताकि याद करने में आसानी हो.

Table of Contents

गणतंत्र दिवस पर निबंध (Essay On Republic Day In Hindi) – (26 January essay in Hindi) 250 शब्द (Words)

प्रस्तावना.

हमारा देश भारत काफी लंबे वक़्त की गुलामी के बाद जब 1947 में आजाद हुआ था तो देश के सामने कई तरह की चुनौतियां थी, जिसमे से सबसे बड़ी चुनौती शासन व्यवस्था की थी।

देश का शासन किस तरह चलेगा, इसके क्या नियम कानून होंगे यह सब निर्धारित नही था। जबकि इतने बड़े देश को चलाने के सबसे जरूरी यही काम था।

इसीलिए उस वक़्त के प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू ने बिना देर करते हुए एक कमेटी का गठन किया, जिसका काम था देश का संविधान तैयार करना।

करीब 2 वर्ष की मेहनत के बाद देश का संविधान बनकर तैयार हुआ और 26 जनवरी 1950 को देश मे लागू हो गया। तभी से इसी दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं।

जब बनकर तैयार हुआ सबसे बड़ा लिखित संविधान.

हमारे देश का संविधान दुनियाँ का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। इसी वजह से संविधान को बनने में ढाई वर्ष से भी ज्यादा वक्त लग गया।

28 जनवरी 1948 को ड्राफ्टिंग कमेटी को नियुक्त किया गया था, जिसने संविधान बनाने के लिए पूरे 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन का समय लिया और कुल 114 दिनों की बैठक करके संविधान को तैयार किया।

देशभक्ति की लहर से झूम उठता है देश.

26 जनवरी को पूरे देश के लोगों में देशभक्ति की भावना भरी रहती है। फिर क्या बच्चे और क्या बुजुर्ग, सभी की जुबान पर बस देशभक्ति के गीत छाए रहते हैं।
इस दिन सभी स्कूलों में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित करवाये जाते हैं।

इन कार्यक्रमों में सभी कक्षा के बच्चे भाग लेते हैं। इस दिन स्कूल में ध्वज के नीचे बने मंच से छात्र एवं छात्राएं ओजस्वी भाषण देते हैं, तो कुछ गीत से लोगों का मन लुभाते हैं।

दिल्ली की परेड.

26 जनवरी के प्रमुख आकर्षण दिल्ली में होने वाली सेना की परेड भी है, जिसमे सेना के तीनों विभाग, जल सेना, थल सेना और वायु सेना शामिल होती है। देश के प्रधानमंत्री लाल किला में ध्वजारोहण करते हैं।

उपसंहार.

26 जनवरी इस बात का प्रतीक है कि हमारा देश कितना मजबूत है। हम सब देशवासी संविधान की इज्जत करते हैं और इसमे बनाए गए नियमों के दायरे में रहकर अपना काम करते हैं। यही हमारे देश की शक्ति है।

गणतंत्र दिवस पर निबंध (Essay On Republic Day In Hindi) – (26 January essay in Hindi) 300 शब्द (Words)

हमारे देश हर वर्ष 26 जनवरी का राष्ट्रीय पर्व पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन देश की गली-गली में देखभक्ति से ओतप्रोत गाने सुनने को मिलते हैं।

हर वर्ष गणतंत्र दिवस का पूरे उत्साह के साथ मनाया जाना इस बाद का सबूत है कि देश का हर एक नागरिक भारत के संविधान की इज्जत करता है और इसे मानता है।

राष्ट्रीय पर्व होने के नाते इस दिन पूरे देश मे अवकाश होता है। सभी स्कूल, कॉलेज और सरकारी कार्यालयों में ध्वजारोहण किया जाता है।

क्यों मनाते हैं गणतंत्र दिवस (Why celebrate Republic Day)?

26 जनवरी को गणतंत्र दिवस इस वजह से मनाया जाता है, क्योंकि 26 जनवरी 1950 को जब हमारा संविधान बनकर देश में लागू हुआ था, तब देश गणराज्य बना था। इसी के उपलक्ष्य में तभी से हर वर्ष गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।

गणतंत्र दिवस हमारे देश की एकता का प्रतीक है। हर वर्ष इसका आयोजन होता है जो कि यह बात सिद्ध करता है देश मे जनता का शासन है,और यह जनता के लिए जनता के द्वारा बनाया गया है।

संविधान ने इस देश के लोगो को यह ताकत दी थी कि वह अपनी मर्जी से नेता का चुनाव कर सकते हैं। सरकार के द्वारा किये जाने वाले काम की जानकारी लोगो तक सही सही पहुँच सकें, इसके लिए संविधान में मीडिया को बहुत अहम बताया गया है।

राजधानी दिल्ली में होती है विशेष परेड.

वैसे तो गणतंत्र दिवस का उत्साह देश के हर राज्य में दिखाई देता है लेकिन दिल्ली में विशेष कार्यक्रम होते हैं। दिल्ली के लाल गेट में सेना की टुकड़ियां परेड करती है देश के राष्ट्रपति को सलामी देते हैं।

इसके बाद वायु सेना के विशेष विमान हवा में सांस रोक देने वाले करतब दिखाते हैं। इस दिन परेड में भारत अपनी शक्ति का प्रदर्शन भी करता है।

किसी भी तरह के नए हथियार, मिसाइल आदि दुनियाँ को इसी दिन दिखाया जाता है। सेना के जवानों के बाद पुलिस की भी परेड होती है।

निष्कर्ष.

गणतंत्र दिवस सिर्फ एक राष्ट्रीय पर्व नही बल्कि देश की एकता का एहसास कराने वाला है। यह दिन हमें बताता है कि देश कितनी कठिन परिस्थिति से उबरकर यहाँ आकर खड़ा हुआ है।

गणतंत्र दिवस पर निबंध (Essay On Republic Day In Hindi) – (26 January essay in Hindi) 400 शब्द (Words)

हमारा देश अंगेजो का गुलाम था। देश मे उन्ही की कानून व्यवस्था थी। यह व्यवस्था इस प्रकार थी, कि भारतीयों का शोषण आसानी से किया जा सकता था।

इन वजहों से देश मे आजादी की लहर बह रही है। हर व्यक्ति आजाद होना चाहता था, और देश का यह सपना पूरा भी हुआ 15 अगस्त 1947 को जब अंग्रेजो को मजबूर होकर वापस ब्रिटेन जाना पड़ा।

अब देश को जरूरत थी ऐसे कानूनों की जो देश मे अमन कायम कर सकें और देश के लोगों को अधिकार दे सके। इन्ही बातों को ध्यान में रखते हुए भारत देश का संविधान बनाया गया और 26 जनवरी 1950 को जब संविधान देश में लागू हुआ तो भारत एक गणराज्य बन गया।

तभी से यह दिन गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

संविधान है देश की जान.

देश की आजादी के बाद संविधान निर्माण की जिम्मेदारी डॉ भीमराव अंबेडकर और उनकी कमेटी को दी गई। डॉ. भीमराव अंबेडकर ने कमेटी के साथ मिलकर संविधान पूरे संविधान को बनाया और 26 जनवरी 1950 को लागू कर दिया गया।

संविधान को बनाने में कुल 2 वर्ष 11 माह और 18 दिनों का लंबा वक्त लगा, लेकिन संविधान ऐसा था, जिसमें हर जाति धर्म के लोगो को समान अधिकार दिए गए थे।

संविधान में सभी को बराबर महत्व दिया गया था यही इसकी विशेषता थी। संविधान ने देश को एक पंथनिरपेक्ष राज्य का दर्जा दिया।

गणतंत्र दिवस ओर समारोह.

गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर पूरे देश में रंगारंग कार्यक्रम किये जाते हैं। देश के समस्त विद्यालयो, कालेज और सरकारी दफ्तरों में ध्वजारोहण अनिवार्य रूप से होता है।

इसके बाद जन-गण-मन राष्ट्रगान गया जाता है और फिर भारत माता की जय के नारे से आसपास का माहौल देशभक्ति से भर जाता है।

विद्यालयों में बच्चे भाषण देते है, देशभक्ति के संगीत प्रस्तुत करते हैं और नाटक आदि के माध्यम से जान चेतना को जगाने का काम करते हैं।

गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर सबसे आकर्षक कार्यक्रम दिल्ली में आयोजित किया है। दिल्ली देश की राजधानी है। दिल्ली के राजपथ में सेना की परेड सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र होती है।

देश की सशस्त्र बल के तीनों विभाग अपने सुप्रीम कमांडर जो कि देश के राष्ट्रपति है उनको सलामी देती है।

शुरू से ही देश मे ऐसी प्रथा चली आ रही है कि गणतंत्र दिवस में शामिल होने के लिये अपने मित्र देश के प्रमुख को आमंत्रित किया जाता है।

अब तक कई देशो की बड़ी-बड़ी शख्शियत इस दिन के साक्षी बन चुके हैं। बराक ओबामा भी इस गणतंत्र दिवस में एक बार मुख्य अथिति रह चुके हैं।

निष्कर्ष.

यह दिन हर एक भारतीय है, इसलिये इसे पूरे धूमधाम के साथ जरूर मनाया जाना चाहिये। साथ ही इस बात का भी संकल्प करना चाहिये की हम अपने देश के संविधान के प्रति जिम्मेदार रहेंगे और इसका पालन करेंगे।

गणतंत्र दिवस पर निबंध (Essay On Republic Day In Hindi) – (26 January essay in Hindi) 500 शब्द (Words)

देश का एक राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस 26 जनवरी के दिन मनाया जाता है। यह पर्व देश में गणतंत्र लागू होने की खुशी में मनाया जाता है।

26 जनवरी को देश का संविधान बनकर लागू हुआ था, इस वजह से 15 अगस्त की तरह ही यह दिन भी देश के लिये एक ऐतिहासिक दिन ही था।

देश के संविधान के इस देश को लोकतांत्रिक शक्तियां दी थी। संविधान लागू होने के बाद ही संविधान के अनुसार देश के राष्ट्रपति की नियुक्ति हुई।

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को देश का पहला राष्ट्रपति बनने का गौरव प्राप्त हुआ। 26 जनवरी 1950 के बाद ही देश मे कई तरह के बदलाव हुए इस वजह से यह दिन बहुत खास है।

गणतंत्र दिवस मनाने की ऐतिहासिक वजहें.

गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को ही मनाया जाता है, इसकी दो वजहें हैं। इसकी एक वजह जो हम सबको पता है वह यह है कि इसी दिन देश ने खुद का संविधान लागू किया था।

26 जनवरी के दिन भारत एक गणतंत्र बना था, जिसकी खुशी को शब्दों में बयान करना बहुत मुश्किल है। इसलिए इस दिन को ऐतिहासिक मानते हुए प्रति वर्ष 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस मनाने का निर्णय लिया गया।

वही इसकी दूसरी वजह की जड़ 1929 में हुए लाहौर अधिवेशन से जुड़ी हैं। पंडित नेहरू की अध्यक्षता में लाहौर में कॉंग्रेस कमेटी की बैठक हई।

जिसमे यह कहा गया कि यदि अंग्रेजी शासन ने हमे
डोमीनियन स्टेटस नही दिया तो हम खुद को एक स्वतंत्र देश घोषित कर देंगे। लेकिन 26 जनवरी 1930 तक अंग्रेजो की तरफ से कांग्रेस की एक भी बात नही मानी गई।

तब कांग्रेस के नेताओं से देश को एक स्वतंत्र देश घोषित कर दिया और पहली बार ध्वजारोहण किया गया। हालांकि आगे चलकर देश 15 अगस्त को आजाद हुआ, इस वजह से 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है।

लेकिन इस बात का ध्यान रखा गया कि 26 जनवरी के महत्व भी बना रहे, इसलिए संविधान को इस दिन लागू किया गया और यह दिन आज हम सब देशवासी स्वतंत्रता दिवस के तौर पर मनाते हैं।

गणतंत्र दिवस का महत्व.

गणतंत्र दिवस का हमारे इतिहास में क्या महत्व है यह तब समझ पाएंगे जब हम गणतंत्र की ताकत को समझते हो। आज भारत पूरी दुनियाँ का सबके बड़ा लोकतांत्रिक देश है।

लोकतांत्रिक देश का मतलब है, ऐसा देश जहां जनता अपना नेता खुद चुनती है। लोकतंत्र में जनता से बड़ा कोई नही होता है।

हमारे देश के लोकतंत्र में दिया गया है कि देश में जनता का शासन, जनता के द्वारा और जनता के लिए ही होगा।

आज बहुत कम देश है जहां लोकतंत्र है और सफलता पूर्वक चल भी रहा है। निश्चितरूप से भारत ऐसे देशों के लिए एक प्रेरणाश्रोत जरूर होगा।

राष्ट्रीय पर्व का उत्साह.

गणतंत्र दिवस एक राष्ट्रीय पर्व है। गणतंत्र दिवस के अलावा स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती ही राष्ट्रीय पर्व हैं। राष्ट्रीय पर्व में अवकाश होता है। ध्वजारोहण का कार्यक्रम इसका प्रमुख आकर्षण रहता है।

प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह में किसी न किसी राष्ट्र के प्रमुख जरूर शामिल होते हैं। इन राष्ट्रप्रमुखों को सबसे पहले 21 तोपो की सलामी दी जाती है, इसके बाद सेना के द्वारा राष्ट्रपति को सलामी दी जाती है।

सेना के वीर जवान तरह तरह के खतरनाक कलाबाजियां दिखाते है, जो देखने वालों के होश उड़ा देते हैं। लाल किला से देश के प्रधानमंत्री देश को संबोधित करते हैं।

इस संबोधन में आमतौर पर देश के इतिहास से लेकर भविष्य की संभावनाओं की बात शामिल होती है। रंगारंग कार्यक्रम सिर्फ दिल्ली तक ही सीमित नही रहते हैं, बल्कि हर राज्य के मुख्यमंत्री, राज्यपाल के द्वारा भी ध्वजारोहण किया जाता है।

सभी सरकारी कार्यालयों में ध्वजारोहण किया जाता है। लेकिन इसमे चार चांद लगाने का काम स्कूल के बच्चे करते हैं, जो अपने अपने स्कूलों में कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं।

निष्कर्ष.

गणतंत्र दिवस हर उस नागरिक के लिए रख गर्व का पल है जिसे आजादी से प्यार है। जिसे इस बात का एहसास है कि हमारे संविधान के कारण ही आज हम आजाद है। जबकि हम अपने पड़ोस में बसे कुछ देशों की स्थिति देख सकते हैं जो देखने मे तो काफी मजबूत है पर देश के लोग लोकतंत्र की मांग कर रहे हैं।

इसलिए हमें इस बात के महत्व को समझना चाहिये, और उत्साह के साथ गणतंत्र दिवस मनाना चाहिए।

गणतंत्र दिवस पर निबंध (Essay On Republic Day In Hindi) – (26 January essay in Hindi) 600 शब्द (Words)

26 जनवरी 1950 को हमारे देश का संविधान लागू हुआ था, तभी से देश मे हर साल 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

26 जनवरी 1950 को देश मे संविधान लागू किया गया था, जिसके बाद भारत देश एक लोकतांत्रिक देश बनकर दुनियाँ के सामने खड़ा हुआ था।

यह दिन हम सब देशवाशियों के लिए एक गर्व का पल जरूर है क्योंकि आज हम अपने जीवन मे जितनी आजादी को महसूस करते हैं, वह सब इसी संविधान की देन है।

वरना दुनियाँ में कई देश ऐसे भी है जहां कुछ गलत बोलने पर ही मृत्युदंड दे दिया जाता है।

भारतीय संविधान की विशेषता.

भारतीय संविधान को बहुत लचीला संविधान कहा जाता है, और यही लचीलापन इसकी विशेषता है। देश के शासन को संविधान में दो हिस्सों में बांटा गया है। जिसका एक हिस्सा राज्य सरकार है दूसरा केंद्र सरकार।

राज्य सरकार की शासन व्यवस्था राज्य तक ही सीमित रहेगी। हमारे संविधान में दो तरह की व्यवस्था दी गई है, जिसमे से एक संघात्मक है जबकि दूसरी एकात्मक.

विशेष परिस्थितियों में केंद्र के पास ज्यादा ताकत आ जाती है, जबकि सामान्य स्थिति में राज्यों के पास पूरी ताकत होगी कि वह अपने राज्य की व्यवस्था को संभाल सके।

गणतंत्र दिवस से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य.

  • 26 जनवरी 1930 को पहली देश को आजाद घोषित किया। कांग्रेस ने इसे स्वाधीनता दिवस के रूप में मनाया था और देश का ध्वज फहराया था।
  • गणतंत्र दिवस में पहली बार 1955 मे राजपथ में परेड का आयोजन किया गया था।
  • भारतीय संविधान की दो प्रतियां हैं जिनमे से एक हिंदी और दूसरी अंग्रेजी भाषा है। दोनों ही प्रतियां हाथों से लिखी गई हैं।
  • संविधान को बनाने में 2 वर्ष 11 माह और 18 दिनों का वक़्त लगा था।
  • गणतंत्र दिवस 3 दिनों तक चलता है और 29 जनवरी को बीटिंग रिट्रीट के साथ समाप्त होता है।
  • गणतंत्र दिवस के पहले अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो थे।
  • डॉ भीम राव अम्बेडकर को संविधान बनाने का श्रेय जाता है।

गणतंत्र दिवस का उत्सव (26 January essay in Hindi)

गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया है। इस दिन देश के हर कोने में लोग राष्ट्रध्वज को फहराते हैं और उसके बात राष्ट्रगान गाते हैं।

राष्ट्रगान की समाप्ति के बाद कई तरह के रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन होता है। खासकर स्कूल में गणतंत्र दिवस की एक अलग ही छटा दिखाई देती है।
बच्चे अपने हाथों में छोटे छोटे राष्ट्रध्वज लिए रहते हैं, स्कूल प्रशासन एक छोटी सी रैली भी बच्चों की निकालता है, जो ज्यादा बड़ी नही होती है।

बच्चे बढ़चढ़ भाषण, गीत, नृत्य आदि में हिस्सा लेते हैं। कई जगहों पर बच्चों को पुरुस्कार भी दिया जाता है। कार्यक्रम की समाप्ति के बाद शिक्षक के द्वारा बच्चों को प्रसाद दिया जाता है,इसके बाद सभी अपने घर चले जाते हैं।

राज्य स्तर में भी ध्वजारोहण के बाद कुछ कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। लेकिन सबसे ज्यादा आकर्षक का केंद्र राजपथ से लालकिला तक का एरिया होता है, क्योंकि यहां पर परेड होती है।

इस परेड को देखने के लिए लोग दूर दूर से आते हैं। परेड में देश की शक्ति और संस्कृति दोनों की झलक देखने को मिलती है।

इस मौके पर जश्न सुबह से ही शुरू हो जाता है। राजपथ पर सभी राजनेता और आम लोग इकट्ठा होने लगते हैं।

परेड में जल, थल और वायु सेना सांस रोक देने वाले करतब दिखाती है। इस खास मौके पर सबसे पहले राष्ट्रपति को 21 तोपो की सलामी दी जाती है।

उपसंहार.

भारत एक मात्र ऐसा देश जहां इतनी ज्यादा विविधिता है। पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक यहां सब कुछ अलग है। लेकिन फिर भी यह देश एक चीज़ से जुड़ा है और वो है अनेकता में एकता।

गणतंत्र दिवस एक राष्ट्रीय पर्व है और यह हर एक भारतीय को एहसास कराता है कि हम सब एक है और हमारी पहचान एक है, फिर भले ही हम किसी धर्म, जाति से नाता क्यों न रखते हो, सबसे पहले हम भारतीय हैं।